शिक्षकों के सेवा संबंधी मामले के निस्तारण में फिसड्डी 25 जिलों के बीएसए एवं बीईओ
लखनऊ, प्रमुख संवाददाता बेसिक शिक्षकों के सेवा संबंधी मामले के निस्तारण में 25 जिलों के बीएसए और बीईओ फिसड्डी पाए गए हैं। इससे नाराज शासन ने सभी को चेतावनी जारी की है। दरअसल, बीते पांच नवम्बर को शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों के चयन वेतनमान मामले के निस्तारण के लिए एक सप्ताह की समय सीमा तय की गई थी।
निर्देश दिए गए थे कि तय समय सीमा में शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों के मानव संपदा पोर्टल के चयन वेतनमान मॉड्यूल पर निस्तारण किया जाए। 20 दिनों से अधिक समय बीतने के बाद जब मानव संपदा पोर्टल पर उपलब्ध डाटा का विश्लेषण किए जाने पर पता चला कि 25 ऐसे जिले हैं, जहां की प्रगति बहुत ही खराब हैं।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से लेकर खण्ड शिक्षा अधिकारियों, दोनों स्तर पर कार्य आगे बढ़ा ही नहीं है। मऊ और चंदौली जैसे जिले में तो 99 फीसदी तक तथा हापुड़ 97 प्रतिशत एवं बदायूं जिले में 95 फीसदी मामले अभी तक लंबित हैं। दूसरी तरफ अलीगढ़ में शत्-प्रतिशत निस्तारण हुआ तो श्रावस्ती में भी दो फ़ीसदी मामले ही लम्बित हैं। फिसड्डी जिलों के बीएसए और बीईओ को चेतावनी समीक्षा के दौरान 25 जिलों की प्रगति बेहद खराब दिखी। इस पर शासन ने खराब प्रदर्शन वाले सभी 25 जिलों के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों के साथ-साथ इन जिलों के करीब 230 खण्ड शिक्षा अधिकारियों को भी चेतावनी जारी की है। साथ ही निर्देश दिए हैं कि एक सप्ताह के भीतर पोर्टल पर अपने जिले की खराब स्थिति को अपडेट कर शत्-प्रतिशत प्रकरणों को निस्तारित करें। इन जिलों की है सबसे खराब स्थिति- मऊ, चंदौली, हापुड़, बदायूं, रामपुर, शामली, गोरखपुर, संभल, बलिया, कौशाम्बी, आगरा, हरदोई, अमेठी, प्रयागराज, वाराणसी, बांदा, कानपुर नगर, मथुरा, अम्बेडकरनगर, मेरठ, आजमगढ़, लखनऊ, संत रविदासनगर, सोनभद्र तथा एटा। ये ऐसे जिले हैं जिनकी प्रगति 99 से 70 फीसदी तक कार्य लम्बित हैं। इन जिलों की स्थिति है सबसे बेहतर- अलीगढ़, श्रावस्ती, मिर्जापुर, अयोध्या, बागपत, महराजगंज, महोबा, उन्नाव, अमरोहा तथा लखीमपिर खीरी जिलों में अधिकतम 10 प्रतिशत तक ही कार्य लम्बित हैं। अलीगढ़ जिले में तो यह कार्य शत्-प्रतिशत पूरा हो चुका है।
