लापरवाही : दूसरे स्कूल में प्रवेश लेने वाले बच्चों को इंपोर्ट करने में नहीं ले रहे रुचि, 19,505 बच्चे पहुंच गए ड्राप बॉक्स में UDISE PORTAL

Imran Khan
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लापरवाही : दूसरे स्कूल में प्रवेश लेने वाले बच्चों को इंपोर्ट करने में नहीं ले रहे रुचि, 19,505 बच्चे पहुंच गए ड्राप बॉक्स में

- सख्त हुए डीआईओएस ने राजकीय और अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों का रोका वेतनसंवाद न्यूज एजेंसी

ललितपुर। शिक्षा विभाग सभी बच्चों को स्कूल से जोड़ऩे का प्रयास कर रहा है और इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है

बच्चा एक स्कूल से दूसरे स्कूल में प्रवेश लेता है तो उसकी प्रक्रिया यू-डायस पोर्टल पर इंपोर्ट करके पूरी की जाती है। माध्यमिक विद्यालयों में इसमें लापरवाही बरती जा रही है। जिससे जनपद के विभिन्न ब्लॉकों में करीब 19505 बच्चे ड्राप बॉक्स में चले गए। इस पर डीआईओएस सख्त हुए और उन्होंने सभी राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के प्रधानाचार्यों का वेतन रोक दैने की कार्रवाई की।


कक्षा पांचवीं, आठवीं, दसवीं के बाद या अन्य कक्षा से कोई बच्चा स्कूल बदलता है तो जिस स्कूल में वह पढ़ता है, वहां से उसकी मेपिंग खत्म कर दी जाती है, जिससे वह ड्राप बॉक्स में चला जाता है। यहां से प्रवेश लेने वाले स्कूल को बच्चे को इंपोर्ट करना होता है। ऐसा न करने पर बच्चा ड्राप बॉक्स में रहता है और यह यू-डायस पोर्टल पर दिखते रहते हैं। ऐसी स्थिति में बच्चा शासन से मिलने वाली योजनाओं के लाभ से वंचित रहता है। इस सत्र में माध्यमिक शिक्षा अंतर्गत जिले के विभिन्न ब्लाॅक अंतर्गत विद्यालयों में करीब 19505 बच्चे ड्राप बॉक्स में चल रहे हैं। इस बॉक्स से बाहर करने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी लगातार निर्देश जारी कर रहे हैं। लेकिन माध्यमिक के इन विद्यालयों के द्वारा इसमें रुचि नहीं ली जा रही थी। इसे देखते जिला विद्यालय निरीक्षक ओमप्रकाश सिंह ने जनपद के सभी राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों का वेतन रोकने की कार्रवाई की। इसके साथ निर्देशित किया कि प्रवेश लेने वाले सभी छात्रों को ड्राप बॉक्स से इंपोर्ट करने का प्रमाण पत्र देने के बाद ही वेतन निर्गत किया जाएगा। डीआईओएस की कार्रवाई करने के बाद अब इन छात्रों को इंपोर्ट करने की प्रक्रिया तेजी से शुरू कर दी गई है।

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