देश में एक लाख से अधिक एकल-शिक्षक स्कूल 33 लाख से ज्यादा छात्रों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं: आंकड़े Teachers Vacancy

Imran Khan
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देश में एक लाख से अधिक एकल-शिक्षक स्कूल 33 लाख से ज्यादा छात्रों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं: आंकड़े

नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर (भाषा) देश भर में 33 लाख से ज्यादा छात्र एकल-शिक्षक वाले एक लाख से अधिक स्कूलों में नामांकित हैं और आंध्र प्रदेश में ऐसे स्कूलों की संख्या सबसे अधिक है, जबकि इनमें से उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक छात्रों का नामांकन है।

आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है।

शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, शैक्षणिक वर्ष 2024-25 में, देश में 1,04,125 स्कूल ऐसे थे जिनका संचालन एकल शिक्षक द्वारा किया जाता था, और ऐसे स्कूलों में 33,76,769 छात्र नामांकित थे। यानी, औसतन प्रत्येक स्कूल में करीब 34 छात्र थे।


शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 प्राथमिक स्तर (कक्षा 1 से 5) पर 30:1 और उच्च प्राथमिक स्तर (कक्षा 6 से 8) पर 35:1 का छात्र-शिक्षक अनुपात अनिवार्य करता है।

देश में सबसे अधिक 'एकल-शिक्षक' वाले स्कूल आंध्र प्रदेश में हैं, इसके बाद उत्तर प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक और लक्षद्वीप का स्थान है।

हालांकि, एकल शिक्षक वाले स्कूलों में छात्रों के नामांकन के मामले में उत्तर प्रदेश इस सूची में शीर्ष पर है। उसके बाद झारखंड, पश्चिम बंगाल और मध्यप्रदेश का स्थान है।

एकल शिक्षक वाले स्कूलों की संख्या 2022-23 के 1,18,190 से घटकर 2023-24 में 1,10,971 हो गई, जो लगभग छह प्रतिशत की गिरावट है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ''सरकार स्कूलों के विलय और स्कूलों के एकीकरण, जिसे अक्सर 'स्कूलों का युक्तिकरण' कहा जाता है, के माध्यम से उपलब्ध संसाधनों का सर्वोत्तम संभव उपयोग सुनिश्चित करने पर काम कर रही है।''

अधिकारी ने कहा, ''एकल शिक्षक वाले स्कूल शिक्षण प्रक्रिया को बाधित करते हैं और इसलिए शिक्षकों की अधिकतम उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए शून्य छात्र नामांकन वाले स्कूलों से एकल शिक्षक वाले स्कूलों में शिक्षकों को फिर से तैनात करने के प्रयास किए जा रहे हैं।''

आंध्र प्रदेश में 12,912, उत्तर प्रदेश (9,508), झारखंड (9,1720), महाराष्ट्र (8,152), कर्नाटक (7,349), लक्षद्वीप (7,217), मध्यप्रदेश (7,217), पश्चिम बंगाल (6,482), राजस्थान (6,117), छत्तीसगढ़ (5,973) और तेलंगाना में 5,001 एकल-शिक्षक स्कूल हैं।

दिल्ली में नौ एकल-शिक्षक विद्यालय हैं।

केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी, लद्दाख, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव और चंडीगढ़ में एक भी एकल-शिक्षक विद्यालय नहीं है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में केवल चार एकल-शिक्षक विद्यालय हैं।

एकल-शिक्षक वाले विद्यालयों में छात्र नामांकन के मामले में, उत्तर प्रदेश 6,24,327 छात्रों के साथ शीर्ष स्थान पर है। इसके बाद झारखंड (4,36,480), पश्चिम बंगाल (2,35,494), मध्यप्रदेश (2,29,095), कर्नाटक (2,23,142), आंध्र प्रदेश (1,97,113), और राजस्थान (1,72,071) का स्थान है।

प्रति विद्यालय औसत छात्र नामांकन के मामले में चंडीगढ़ और दिल्ली में प्रति विद्यालय छात्रों की संख्या क्रमशः 1,222 और 808 के साथ सबसे अधिक है।

वहीं दूसरी ओर, लद्दाख, मिज़ोरम, मेघालय और हिमाचल प्रदेश में प्रति स्कूल नामांकन दर काफ़ी कम है, जो क्रमशः 59, 70, 73 और 82 है।

अधिकारी ने बताया, ‘प्रति स्कूल छात्रों की उच्च संख्या स्कूल के बुनियादी ढांचे के इष्टतम उपयोग का संकेत देती है और कम नामांकन वाले स्कूलों का वर्तमान में विलय किया जा रहा है ताकि सर्वश्रेष्ठ उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।’

भाषा रंजन सुभाष

सुभाष

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