सुलतानपुर के शिक्षक सर्वेश कांत वर्मा की छह किताबें यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल
उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले के बनमई गांव के रहने वाले साहित्यकार और शिक्षक सर्वेश कांत वर्मा 'सरल' ने लेखन के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। रामरती इंटरमीडिएट कॉलेज में हिन्दी शिक्षक के पद पर कार्यरत सर्वेश कांत वर्मा की छह पाठ्य पुस्तकें और छह सहायक पुस्तकें अब यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की कक्षाओं में पढ़ाई जा रही हैं।
ये पुस्तकें माध्यमिक शिक्षा परिषद् उत्तर प्रदेश की ओर से अनुमोदित हैं और नगीन प्रकाशन द्वारा प्रकाशित की गई हैं। इसके अलावा, आईसीएसई बोर्ड की कक्षा 9 और 10 की पुस्तक 'सरल हिन्दी व्याकरण' में उनकी लिखी 11 कहानियां और कई पद्य भी शामिल हैं। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें 70 से अधिक पुरस्कार और सम्मान मिल चुके हैं, जिनमें कई काव्य प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान भी शामिल है। उनकी किताबें अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ऑनलाइन वेबसाइटों पर भी उपलब्ध हैं।
देश-विदेश में पहचान, नशा उन्मूलन की मुहिम
सर्वेश कांत वर्मा ने लेखन के क्षेत्र में देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान बनाई है। उनकी रचनाएं अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, नेपाल और बांग्लादेश के समाचार पत्रों में प्रकाशित हो चुकी हैं। इसके अलावा, वह दूरदर्शन उत्तर प्रदेश पर भी काव्य पाठ कर चुके हैं। साहित्य के साथ-साथ, वह समाजसेवा के कार्यों में भी सक्रिय हैं। वह छात्रों के बीच हिन्दी में वर्तनी शुद्धि के लिए एक विशेष मुहिम चला रहे हैं, जिसके तहत वे श्रुतलेख के माध्यम से छात्रों की कमियों को दूर करते हैं। सर्वेश कांत वर्मा नशा उन्मूलन के लिए भी लोगों को जागरूक कर रहे हैं। वे बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू और गुटखा छोड़ने की सलाह देते हैं और नशे की तलब होने पर लोगों को मुलेठी खाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इस प्रयास से उन्होंने लगभग 60 लोगों को इस बुरी आदत से छुटकारा दिलाया है।