परिषदीय उच्च प्राथमिक एवं कंपोजिट विद्यालयों में समर कैंप आयोजित किए जाने के संबंध में
उत्तर प्रदेश में समर कैम्प के माध्यम से बच्चों का समग्र विकास करेंगे अनुदेशक व शिक्षामित्र, बदले में मिलेगा इतना मानदेय
लखनऊ, 18 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश सरकार ने बच्चों के समग्र विकास के लिए प्री-ग्रीष्मकालीन शिविर (समर कैम्प) आयोजित करने का निर्णय लिया है। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी एक परिपत्र के अनुसार, प्रदेश के सभी परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कम्पोजिट विद्यालयों (कक्षा 6-8) में 21 मई से 15 जून 2025 तक समर कैम्प का आयोजन होगा। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के उद्देश्यों को ध्यान में रखकर शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य बच्चों में रचनात्मकता, आत्मविश्वास और सामाजिक कौशल का विकास करना है।
समर कैम्प का आयोजन और समय-सारणी
समर कैम्प प्रतिदिन प्रातः 7:30 से 10:30 बजे तक आयोजित किए जाएंगे, जिसमें 03 घंटे की अवधि होगी। इस दौरान योग, खेल, सांस्कृतिक गतिविधियां, डिजिटल कौशल, पर्यावरण संरक्षण और विज्ञान आधारित प्रयोग जैसे रोचक कार्यक्रम शामिल होंगे। कैम्प में बच्चों के लिए पूरक पोषण (जैसे गुड़ सिवई, बधाई का लड्डू आदि) की व्यवस्था भी की जाएगी, जिसके लिए मध्याह्न भोजन प्राधिकरण द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
उद्देश्य और गतिविधियां
समर कैम्प का मुख्य उद्देश्य बच्चों को गर्मियों के अवकाश में सकारात्मक और रचनात्मक वातावरण प्रदान करना है। इसके लिए तीन सप्ताह की सुझावात्मक गतिविधियों की योजना बनाई गई है, जिसमें सप्ताह-1 में योग, सांस्कृतिक प्रदर्शन और डिजिटल कौशल, सप्ताह-2 में पर्यावरण संरक्षण, विज्ञान प्रयोग और हस्तशिल्प, तथा सप्ताह-3 में राष्ट्रीय एकता, जल संरक्षण और नाटक शामिल हैं। प्रत्येक गतिविधि बच्चों की आयु और रुचि के अनुसार डिजाइन की जाएगी, ताकि सभी को समान अवसर मिले।
वित्तीय प्रावधान और सहयोग
समर कैम्प के संचालन के लिए अनुदेशकों और शिक्षकों को ₹6000 का मानदेय दिया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों को स्टेशनरी आदि के लिए ₹2000 की धनराशि समग्र शिक्षा के तहत उपलब्ध कराई जाएगी। स्थानीय स्वयंसेवी संगठनों और समुदाय के विशेषज्ञों का सहयोग भी लिया जा सकता है। अभिभावकों को बच्चों के साथ घर पर गतिविधियों पर चर्चा करने के लिए प्रेरित किया जाएगा, ताकि भावनात्मक बंधन मजबूत हो सके।
सावधानियां और अनुपालन
गर्मी और लू से बच्चों की सुरक्षा के लिए छाया और पानी की व्यवस्था अनिवार्य होगी। कैम्प की प्रगति फोटो के माध्यम से दस्तावेजीकरण होगी, और शिक्षकों/अनुदेशकों की उपस्थिति का प्रमाणीकरण 20 जून 2025 तक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को सौंपना होगा।