अगले पांच साल में सरकारी स्कूलों में 50 हजार अटल टिंकरिंग लैब स्थापित करने की घोषणा, माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थी एआई रोबोटिक्स व थ्रीडी प्रिंटिंग में होंगे दक्ष Atal Tikling Lab

Imran Khan
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अगले पांच साल में सरकारी स्कूलों में 50 हजार अटल टिंकरिंग लैब स्थापित करने की घोषणा, माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थी एआई रोबोटिक्स व थ्रीडी प्रिंटिंग में होंगे दक्ष
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लखनऊ। केंद्रीय बजट में अगले पांच साल में सरकारी स्कूलों में 50 हजार अटल टिंकरिंग लैब स्थापित करने की घोषणा की गई है। इसका लाभ प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले लाखों छात्रों को मिलेगा। इसके प्रभावी होने से प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के छात्र भी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, रोबोटिक्स व थ्रीडी प्रिंटिंग आदि में भी दक्ष हो सकेंगे।




प्रदेश में केंद्र सरकार के सहयोग से समग्र शिक्षा के तहत 101 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों (कक्षा नौ से 12 तक) में अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना हो चुकी है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 535 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में इन लैब की स्थापना की जा रही है, जो मार्च 2025 तक पूरी हो जाएंगी। बाद में बचे हुए 300 राजकीय 


🔴 535 विद्यालयों में चल रहा काम, 101 में बन चुकी लैब
🔴 अभी 9वीं से 12वीं तक के विद्यालयों में लैब

विष्णुकांत ने बताया कि प्रदेश में 2,400 राजकीय माध्यमिक विद्यालय हैं। इसमें 900 विद्यालय कक्षा आठ से 12 तक के और 1500 विद्यालय कक्षा एक से 10वीं तक के हैं। पहले चरण में 900 विद्यालयों जहां 8वीं से 12वीं तक की पढ़ाई हो रही है, वहां लैब बनाई जा रही है। अगर केंद्र सरकार से सहयोग मिलेगा तो अगले चरण में 10वीं तक के माध्यमिक विद्यालयों में भी इसकी स्थापना करेंगे।

ग्रामीण माध्यमिक विद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई को बढ़ावा, सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी का लाभ

लखनऊ। केंद्रीय बजट में भारत नेट परियोजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र के सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी देने की घोषणा की गई है। इससे यूपी के सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में डिजिटल माध्यम से लर्निंग और कामकाज को बढ़ावा मिलेगा।



प्रदेश में 2,400 से अधिक राजकीय माध्यमिक विद्यालय हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की बात तो दूर शहरी क्षेत्र में स्थित विद्यालयों में भी इंटरनेट की सुविधा न के बराबर है। ऐसे में कुछ विद्यालयों में प्रधानाचार्य की ओर से किसी मद से तो कई जगहों पर शिक्षक खुद की इंटरनेट व्यवस्था से ही कामकाज निपटाते हैं। इसकी वजह से विद्यालयों में डिजिटल माध्यम से पठन-पाठन को बढ़ावा नहीं दिया जा पा रहा है।

इसका माध्यमिक विद्यालयों के ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को काफी लाभ मिलेगा। ऑनलाइन पढ़ाई को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही अत्याधुनिक लैब का संचालन भी हो सकेगा। समग्र शिक्षा के अपर राज्य परियोजना निदेशक विष्णुकांत पांडेय ने कहा कि यह सुविधा राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में बदलाव लाएगा।

प्रदेश में 3500 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) हैं। यहां पर ब्रांडबैंड कनेक्टिविटी सुविधा होने से बायोमेट्रिक अटेंडेंस, दवाओं के रखरखाव का विवरण, टीके के संबंध में जारी होने वाले निर्देश व आंकड़े तत्काल जारी किए जा सकेंगे।

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