प्रदेश में विद्यार्थियों की अपार आईडी बनाने की कवायद काफी समय से चल रही है। पर, जिला स्तरीय अधिकारी रुचि
नहीं ले रहे हैं। वहीं, तकनीकी दिक्कतें भी बाधा बन रही हैं। शिक्षकों के अनुसार अपार आईडी बनाने में विद्यार्थियों के यू डायस, आधार कार्ड व विद्यालय का एसआर रजिस्टर पर उपलब्ध डाटा मैच नहीं कर रहा है। नतीजतन अपार आईडी जेनरेट नहीं हो पा रही है।
पिछले दिनों विभागीय समीक्षा में पता चला था कि सरकारी विद्यालयों में बेसिक स्तर पर कई जिलों में 71 फीसदी तक विद्यार्थियों की अपार आईडी नहीं बनी है। माध्यमिक विद्यालयों की स्थिति और भी खराब है। यहां पर कई जिलों में
93 फीसदी तक आईडी नहीं बनी है। इस तरह बेसिक व माध्यमिक सरकारी विद्यालयों में कुल 52 फीसदी विद्यार्थियों की ही अपार आईडी बनी है।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर हर हफ्ते बृहस्पतिवार व शुक्रवार को अपार मेले का आयोजन कराते हुए इसमें गति लाने को कहा है। वहीं, पांच फरवरी को प्रदेश स्तर पर समीक्षा करने की भी तिथि तय की है। इसके बाद जिलों में डीआईओएस ने सख्ती भी शुरू कर दी है।
बोर्ड परीक्षा तक अपार आईडी का काम रोकने की मांग
लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) के प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी ने बोर्ड परीक्षा होने तक अपार आईडी बनाने के काम को रोकने की मांग की है। कहा कि 23 फरवरी से यूपी बोर्ड परीक्षा है। एक फरवरी से प्रयोगात्मक परीक्षा शुरू हो रही है। इस समय अधिकांश विद्यालयों में शिक्षक अधूरा पाठ्यक्रम पूरा करने व परीक्षा की तैयारी में लगे है। अपार आईडी बनाने के दबाव से बोर्ड परीक्षा से संबंधित कार्य प्रभावित हो रहे हैं। डीआईओएस लगातार पत्र भेजकर प्रधानाचार्य व शिक्षकों के वेतन रोकने व मान्यता समाप्त करने की धमकी दे रहे हैं। वहीं, कई जिलों में शिक्षकों का वेतन रोक दिया है। इससे शिक्षकों में नाराजगी है।