20 साल की सेवा के बाद BSF जवान ने लिया वीआरएस: NPS में 11,500, OPS में 32,742 और UPS में 29,194 रुपये पेंशन, आखिर क्यों बढ़ा विरोध?
केंद्र सरकार द्वारा नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लागू करने की घोषणा के बावजूद पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बहाल करने की मांग तेज हो रही है। कर्मचारियों का कहना है कि नई योजनाएं उनके आर्थिक हितों की तुलना में कमजोर हैं।
बीएसएफ जवान संदीप कुमार के वीआरएस का उदाहरण इस बहस को और हवा दे रहा है।
BSF जवान का मामला: NPS बनाम OPS बनाम UPS
बीएसएफ सिपाही संदीप कुमार, जिन्होंने 20 साल, 3 महीने और 26 दिन की सेवा के बाद वीआरएस लिया, को नई पेंशन योजना (NPS) के तहत मात्र ₹11,500 मासिक पेंशन मिल रही है।
- यदि वह पुरानी पेंशन योजना (OPS) के तहत होते, तो उन्हें ₹32,742 प्रति माह पेंशन मिलती।
- UPS (यूनिफाइड पेंशन स्कीम) के तहत, उनकी पेंशन ₹29,194 प्रति माह होती।
कर्मचारियों की दो प्रमुख मांगें
- 20 साल की सेवा पर 50% पेंशन की गारंटी:
कर्मचारियों का कहना है कि VRS लेने के लिए न्यूनतम 25 साल की सेवा की शर्त को घटाकर 20 साल किया जाए। - अंशदान की वापसी:
रिटायरमेंट के समय कर्मचारी का पूरा अंशदान, ब्याज समेत जीपीएफ की तरह वापस दिया जाए।
क्या कहते हैं आंकड़े?
संदीप कुमार, जिनकी बेसिक पे ₹42,800 थी, को एनपीएस के तहत कुल ₹16,74,235 की राशि मिली।
- OPS में पेंशन गणना:
₹42,800 × 0.5 = ₹21,400 × 1.53 = ₹32,742 प्रति माह
साथ ही ₹10.84 लाख का GPF फंड। - UPS में पेंशन गणना:
₹42,800 × 0.4 = ₹17,120 × 1.53 = ₹29,194 प्रति माह
साथ में ₹3.28 लाख का लंपसम फंड।
केंद्र सरकार के UPS पर क्यों है नाराजगी?
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि:
- UPS में NPS जैसी ही खामियां हैं।
- UPS के तहत कर्मचारी अंशदान का पूरा फंड वापस नहीं मिलता, जबकि NPS में यह संभव है।
- OPS जैसी स्थिरता और गारंटी UPS में नहीं है।
आंदोलन और विरोध बढ़ा
- जंतर मंतर रैली:
हाल ही में दिल्ली के जंतर मंतर पर कर्मचारियों ने रैली कर अपनी मांगों को दोहराया। - संगठनों की चेतावनी:
कर्मचारियों ने स्पष्ट किया है कि जब तक OPS की बहाली नहीं होती, उनका संघर्ष जारी रहेगा। - हस्ताक्षर अभियान:
लाखों कर्मचारी एक हस्ताक्षर अभियान में हिस्सा ले रहे हैं, जिसमें सरकार से OPS के प्रावधान लागू करने की मांग की गई है।
क्या कहती है सरकार?
केंद्र ने UPS को 1 अप्रैल 2024 से लागू करने की योजना बनाई है, लेकिन कर्मचारियों की मांगें इस योजना को लेकर नई चुनौतियां खड़ी कर रही हैं।
निष्कर्ष:
पुरानी पेंशन योजना की वापसी और NPS में सुधार की मांग अब एक बड़ा आंदोलन बन चुकी है। केंद्र सरकार के UPS प्रस्ताव के बावजूद, कर्मचारियों का रुझान स्पष्ट रूप से OPS की ओर है, जो उनके भविष्य को अधिक सुरक्षित और लाभकारी बनाता है।