ITR Forms: वर्ष 2025-26 के लिए सभी इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म जारी, जानिए टैक्सपेयर्स क्या मिली राहत
ITR Forms : इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आकलन वर्ष 2025-26 के लिए सभी 7 इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फॉर्म अधिसूचित कर दिए हैं। छोटे और मध्यम टैक्सपेयर्स के लिए ITR-1 (सहज) और ITR-4 (सुगम) को 29 अप्रैल को अधिसूचित किया गया था, जबकि ट्रस्ट और धर्मार्थ संस्थानों के लिए ITR-7 को 11 मई को जारी किया गया।
ITR-1 और ITR-4 में पूंजीगत लाभ से जुड़ा बड़ा बदलाव
ITR-1 और ITR-4 फॉर्म में एक अहम बदलाव किया गया है जो लिस्टेड इक्विटी शेयरों से होने वाले लॉन्ग टर्म पूंजीगत लाभ (LTCG) से संबंधित है। अब वेतनभोगी और अनुमानित टैक्सेशन प्लानिंग के तहत आने वाले वे टैक्सपेयर, जिनका एक वित्त वर्ष में LTCG 1.25 लाख रुपये तक है, ITR-1 या ITR-4 दाखिल कर सकते हैं। पहले इन्हें ITR-2 भरना होता था।
1.25 लाख रुपये तक के LTCG पर छूट जारी
टैक्स कानून के मुताबिक लिस्टेड शेयरों और म्यूचुअल फंड की बिक्री से होने वाले 1.25 लाख रुपये तक के LTCG पर टैक्स नहीं लगता। इससे अधिक आय पर 12.5% टैक्स लगाया जाता है।
फॉर्म में कटौती और TDS की जानकारी को लेकर नए प्रावधान
फॉर्म में 80C, 80GG और अन्य सेक्शन्स के तहत कटौती के दावे के तरीके में बदलाव किए गए हैं। इसके अलावा, अब टैक्सपेयर्स को TDS की जानकारी खंडवार रूप में प्रस्तुत करनी होगी।
ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई
फॉर्म अधिसूचित होने के बाद जब ई-फाइलिंग की सुविधा शुरू की जाएगी, तब टैक्सपेयर्स वित्त वर्ष 2024-25 की आय के लिए आईटीआर दाखिल कर सकेंगे। बिना ऑडिट वाले टैक्सपेयर्स के लिए अंतिम तिथि 31 जुलाई है।
फॉर्म अधिसूचना में देरी का कारण
इस बार ITR फॉर्म की अधिसूचना में देरी हुई क्योंकि राजस्व विभाग के अधिकारी नए इनकम टैक्स बिल को तैयार करने में व्यस्त थे, जिसे फरवरी में संसद में पेश किया गया था। आमतौर पर ये फॉर्म फरवरी या मार्च में अधिसूचित किए जाते हैं।
ITR-1 और ITR-4 किनके लिए हैं?
ITR-1 (सहज): ऐसे व्यक्ति भर सकते हैं जिनकी सालाना आय 50 लाख रुपये तक हो और वे वेतन, एक मकान, ब्याज और अधिकतम ₹5,000 की कृषि आय से आय अर्जित करते हों।
ITR-4 (सुगम): ऐसे व्यक्ति, HUF और अन्य (एलएलपी को छोड़कर) जिनकी आय 50 लाख रुपये तक हो और जो व्यवसाय या पेशे से जुड़ी आय प्राप्त करते हों।
ITR-2 किसके लिए है?
ITR-2 उन व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF) द्वारा भरा जाता है जिनकी आय व्यवसाय या पेशेवर लाभ से नहीं होती है।