35,000 शिक्षकों ने नहीं जांचीं यूपी बोर्ड की कापियां, जा सकते हैं जेल; UP Board तैयार कर रहा है डाटा
अवधेश पाण्डेय, प्रयागराज। हाईस्कूल एवं इंटमीडिएट परीक्षा-2025 का परिणाम घोषित करने के बाद यूपी बोर्ड अब उन शिक्षकों को खोज रहा है, जिन्होंने परीक्षा में कक्ष निरीक्षक के रूप में तो ड्यूटी की, लेकिन उत्तरपुस्तिकाएं जांचने नहीं पहुंचे।
परीक्षा के दौरान कई केंद्रों पर फर्जी कक्ष निरीक्षक पकड़ चुके यूपी बोर्ड को उत्तरपुस्तिकाएं न जांचने वालों के फर्जी होने का संदेह है। इसके लिए बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों से ऐसे करीब 35,000 शिक्षकों के अंकपत्र सहित रिकार्ड मांगे हैं।
अधिनियम के तहत आजीवन कारावास व एक करोड़ का जुर्माना
इसमें फर्जी मिलने वालों के विरुद्ध उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम-2024 के तहत मुकदमा दर्ज कराकर जेल भेजा जाएगा। इस अधिनियम में आजीवन कारावास एवं एक करोड़ रुपये तक जुर्माने का प्रविधान है।
12 मार्च को हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा संपन्न कराने के बाद यूपी बोर्ड ने करीब 2.84 करोड़ उत्तरपुस्तिकाओं का 19 मार्च से दो अप्रैल तक 261 केंद्रों पर मूल्यांकन कराया। इन उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने के लिए 1,48,667 परीक्षक नियुक्त किए गए थे।
नहीं पहुंचने वालों का निकलवाया जा रहा डाटा
बोर्ड सचिव ने मूल्यांकन करने एक भी दिन नहीं पहुंचने वालों का आंकड़ा निकलवाया तो संख्या लगभग 35,000 मिली। अब बोर्ड इनके विषय में यह जानकारी जुटा रहा है कि जब परीक्षा के दौरान कक्ष निरीक्षक के रूप में ड्यूटी की तो फिर ऐसा क्या हो गया जो उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने नहीं पहुंचे।
यूपी बोर्ड के सचल दलों ने परीक्षा के दौरान कई केंद्रों पर फर्जी कक्ष निरीक्षकों को पकड़कर उनके विरुद्ध परीक्षा अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया था, जिससे वह जेल में हैं। ऐसे में बोर्ड यह जानने में जुटा है कि कहीं यह सभी नकल कराने के उद्देश्य से तो फर्जी कक्ष निरीक्षक नहीं बने थे। इसके लिए सचिव ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों से ऐसे शिक्षकों के विवरण जुटाने और विद्यालय में उनके शिक्षक होने/न होने के संबंध में रिपोर्ट मांगी है।
जो सही शिक्षक होंगे और मूल्यांकन करने नहीं पहुंचे, उनसे जवाब लेकर विभागीय कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा फर्जी शिक्षक मिलने पर उनके विरुद्ध तो परीक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी ही, संबंधित विद्यालय और प्रधानाचार्यों का भी उत्तरदायित्व तय किया जाएगा।