यूपी के शिक्षकों को करना होगा ये काम, सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को मिल गए निर्देश Teachers News

Imran Khan
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यूपी के शिक्षकों को करना होगा ये काम, सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को मिल गए निर्देश

राज्य ब्यूरो, लखनऊ।

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परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के जिन शिक्षकों का मानव संपदा पोर्टल पर पैन कार्ड नंबर त्रुटिवश गलत अंकित है, वह 10 फरवरी तक आवेदन कर इसे ठीक करा सकेंगे।

मानव संपदा पोर्टल पर पे-रोल माड्यूल लागू होने के चार साल बाद भी तमाम शिक्षकों के पैन कार्ड नंबर गलत अंकित हैं। स्कूली शिक्षा महानिदेशालय की ओर से इस पर सख्त नाराजगी जताई गई है।

महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने-अपने जिलों के शिक्षकों से जिनके पैन कार्ड नंबर गलत अंकित हैं उनसे आवेदन प्राप्त करें।


खंड शिक्षा अधिकारियों की मदद से ऐसे शिक्षकों से आवेदन प्राप्त किया जाए। फिर 15 फरवरी तक इसे राज्य परियोजना कार्यालय को उपलब्ध कराया जाएगा। राज्य स्तर पर मानव संपदा पोर्टल पर इस त्रुटि को दूर किया जाएगा।

उप्र बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने क्या कहा?

उप्र बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि जिलों की लापरवाही की वजह से शिक्षकों को बड़ी परेशानी उठानी पड़ रही है। गलत पैन कार्ड नंबर अंकित होने से उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल अब उन्हें राहत मिलेगी।

शिक्षक भर्ती की नियुक्ति की मांग को लेकर धरना जारी

वहीं दूसरे ओर, 69 हजार शिक्षक भर्ती के अंतर्गत नियुक्ति की मांग कर रहे आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने रविवार को भी ईको गार्डेन में धरना जारी रखा। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने की विसंगति के कारण अभ्यर्थी दर -दर की ठोकर खा रहे हैं, जबकि हाईकोर्ट की डबल बेंच ने निर्णय हमारे पक्ष में सुनाया है।

अब मामला सुप्रीम कोर्ट में है। हम यहीं मांग कर रहे हैं कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में हमारा पक्ष मजबूती के साथ रखे और मामला जल्द निस्तारित कराए। मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी को होना है। हाईकोर्ट से निर्णय आने से पहले भी अभ्यर्थियों ने लगातार 640 दिन प्रदर्शन और भूख हड़ताल की थी।

अब एक बार फिर 25 जनवरी से इन अभ्यर्थियों का धरना जारी है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गठित कमेटी की जांच रिपोर्ट और हाईकोर्ट का आदेश सभी उनके पक्ष में हैं। लेकिन फिर भी आरक्षित वर्ग के साथ अन्याय किया जा रहा और हमें हमारे पदों पर नियुक्ति नहीं दी जा रही है।

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