साल में दो बार होगी CBSE परीक्षा, JEE की तर्ज पर दो बार होगा एग्जाम, इसलिए लिया ये फैसला
CBSE New Exam Pattern: शैक्षणिक सत्र 2025-26 से दसवीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा साल में दो बार होगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)2020 के तहत छात्रों का परीक्षाओं का तनाव दूर करने के मकसद से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) आगामी सत्र से बोर्ड परीक्षाओं का पैटर्न बदलने जा रहा है।
जेईई मेन परीक्षा की तर्ज पर बोर्ड परीक्षा भी दो बार आयोजित होगी। इसमें से बेस्ट स्कोर के आधार पर छात्रों का रिजल्ट तैयार होगा। खास बात यह है कि 24 फरवरी तक साल में दो बार बोर्ड परीक्षा का मसौदा सुझावों के लिए सार्वजनिक किया जाएगा। इसमें मिले सुझावों पर आगे की रूपरेखा तय होगी।
वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को सोमवार को सीबीएसई ने साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करवाने का प्रेजेंटेशन दिया है। एनईपी 2020 की प्रमुख सिफारिशों के तहत छात्रों को परीक्षाओं का तनाव दूर करने के लिए साल में दो बार बोर्ड परीक्षा करवाना है। इसी के तहत शैक्षणिक सत्र 2025-26 से बोर्ड परीक्षा साल में दो बार करने की तैयारी चल रही है।
इसका मसौदा सीबीएसई बोर्ड अगले हफ्ते अभिभावकों, शिक्षकों, छात्रों, शिक्षाविदों से सुझावों के लिए सार्वजनिक कर देगा। सीबीएसई बोर्ड का अप्रैल 2025 में नया सत्र शुरू होगा। इसके आसपास बोर्ड की ओर से साल में दो बार दसवीं और 12वीं परीक्षा की अधिसूचना भी जारी हो जाएगी।
जेईई की तरह, दो बार परीक्षा
बोर्ड परीक्षा के छात्र जेईई मेन की तरह साल में दो बार परीक्षा दे सकेंगे। इससे छात्रों के पास बेहतर करने का एक अन्य विकल्प भी होगा। इससे छात्रों के अंदर तनाव कम होगा। क्योंकि उनके पास एक बार फिर परीक्षा देने का विकल्प होगा तो उनके प्रदर्शन में सुधार दिखेगा। इन दो बार की परीक्षा में से जो भी बेहतर रिजल्ट होगा, उसके आधार पर आगे बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट बनेगा।
परीक्षा में उनकी बोर्ड कक्षा के आधार पर प्रश्न पत्र एनसीईआरटी पाठयक्रम से ही आएंगे। वहीं, 12वीं कक्षा वाले छात्रों की बोर्ड परीक्षा के साथ अपनी जेईई मेन या नीट या सीयूईटी यूजी की तैयारी भी हो जाएगी।
पीएम का भी परीक्षाओं का तनाव दूर करने पर फोकस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी छात्रों के परीक्षाओं के तनाव को समझते हुए 'परीक्षा पे चर्चा' नामक वार्षिक कार्यक्रम शुरू किया था। छात्रों के इसी परीक्षा के तनाव को देखते हुए 'परीक्षा पे चर्चा 2025' के इस आठवें संस्करण में मेंटल हेल्थ विषय को जोड़ा गया था।
इसका मकसद अभिभावकों, छात्रों और शिक्षकों को परीक्षाओं के तनाव को दूर करने पर जागरूक करना था। इसके अलावा पीएम 'मन की बात' में भी बोर्ड परीक्षा समेत अन्य परीक्षाओं में छात्रों के तनाव को दूर करने पर लगातार फोकस कर रहे हैं।
तनाव दूर करने को टॉपर्स सूची हटाई गई
एनईपी 2020 की सिफारिशों के तहत ही बोर्ड परीक्षाओं में अब सीबीएसई टॉपर्स सूची जारी नहीं करता है। अंकों की जगह ग्रेड मिलते हैं। पाठयक्रम को छोटा किया जा चुका है। इसके अलावा अन्य सुधार भी जारी है। इसमें मूल्यांकन भी शामिल हैं।
साल में दो बार सीबीएसई परीक्षाओं के संचालन पर चर्चा, मसौदा जल्द जारी होगा
छात्रों के लिए तनाव मुक्त शिक्षण वातावरण बनाना सरकार का महत्वपूर्ण फोकस रहा है। परीक्षा सुधार की इस दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इसी के तहत स्कूल शिक्षा सचिव, सीबीएसई अध्यक्ष समेत मंत्रालय और सीबीएसई के अधिकारियों के साथ 'वर्ष में दो बार सीबीएसई परीक्षाओं के संचालन' पर विस्तृत विचार-विमर्श किया है।
इन विचार-विमर्शों का मसौदा जल्द ही सीबीएसई द्वारा सार्वजनिक परामर्श के लिए रखा जाएगा। यह सुधार एनईपी 2020 के प्रमुख प्रावधानों के कार्यान्वयन की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है और छात्रों के बीच परीक्षा संबंधी तनाव को कम करने में मदद करेगा।-धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय शिक्षा मंत्री, भारत सरकार