PAN 2.0: टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी है पैन 2.0 बनवाना? आधार की तरह काम करेगा नया पैन, यहां जानें कारण
PAN 2.0: भारत के टैक्स सिस्टम में पैन (PAN) एक अहम डॉक्यूमेंट रहा है। पैन नंबर टैक्सपेयर्स की पहचान के तौर पर काम करता है। अब सरकार ने PAN 2.0 का ऐलान कर दिया है। ये मौजूदा पैन सिस्टम का लेटेस्ट वर्जन है।
यह नया पैन डिजिटल टाइम के साथ तालमेल बैठाने के लिए डिजाइन किया गया है। जैसे आधार का इस्तेमाल कई सर्विस में किया जाता है। आइए जानते हैं PAN 2.0 के फायदे और इसका क्या असर टैक्सपेयर्स पर रहेगा। क्या टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी है नया पैन 2.0 बनवाना?
PAN 2.0 क्या है?
PAN 2.0 मौजूदा पैन का लेटेस्ट और सेफ वर्जन है। इसमें कई नए बदलाव किए गए हैं।
डिजिटल इंटीग्रेशन
आधार की तरह पैन 2.0 को भी कई प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा, जिससे पहचान की वैरिफिकेशन आसान होगी।
तुरंत मिल जाएगा पैन
अब पैन जारी करने का प्रोसेस तेज और रियल-टाइम होगा। अभी तक फिजिकल पैन आने में 10 से 15 दिन का समय लगता है। ई-पैन ईमेल में आने पर न्यूनतम 3 दिन का समय लगता है।
आधार से मजबूत लिंक
आधार और पैन का लिंक करना और मजबूत किया जाएगा ताकि पैन का गलत इस्तेमाल नहीं किया जा सके।
बायोमेट्रिक सुरक्षा: नए पैन में बायोमेट्रिक डेटा जोड़े जाने की संभावना है, जिससे ये और भी सेफ होगा।
PAN 2.0 पहले से बेहतर और अपडेटेड फीचर्स के साथ होगा।
PAN 2.0 से टैक्सपेयर्स और आम नागरिकों को होगा फायदा
पैन 2.0 को आधार की तरह बैंक खाता खोलने, निवेश करने और कर फाइलिंग जैसी सभी कामों में इस्तेमाल किया जा सकेगा।
पैन 2.0 से धोखाधड़ी पर लगाम लगेगी। बायोमेट्रिक और आधार इंटीग्रेशन से पहचान की चोरी और पैन का गलत इस्तेमाल रोका जा सकेगा।
पैन 2.0 से टैक्स फाइलिंग आसान हो जाएगी। इमक टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना पहले से तेज और बिना गलती के होगा।
फाइनेंशियल जरूतों के देकते हुए, सभी कामों के लिए यही एक डॉक्यूमेंट होगा।
कारोबारियों के लिए फायदे
जीएसटी, कॉर्पोरेट बैंक खाता और सरकारी टेंडर जैसे कामों के लिए पैन का रजिस्ट्रेशन तेज होगा।
बेहतर ट्रैकिंग सिस्टम के कारण टैक्स चोरी को कम करेगा। बायोमेट्रिक फीचर्स के कारण केवाईसी (KYC) प्रोसेस तेज और आसान होगा।
मौजूदा पैन धारकों को क्या नए पैन 2.0 के लिए अप्लाई करना होगा?
मौजूदा पैन धारकों को PAN 2.0 के लिए नए आवेदन की जरूरत नहीं है। उनका मौजूदा पैन भी मान्य रहेगा। केवल करेक्शन सुधार या अपडेट के मामले में नया पैन जारी किया जाएगा।
हालांकि PAN 2.0 में फायदों के साथ कई कुछ चुनौतियां भी होंगी
बायोमेट्रिक डेटा को सुरक्षित रखना प्राथमिकता होगी। ग्रामीण इलाकों और तकनीकी सुविधा की कमी वाले एरिया में नए सिस्टम को पहुंचाना चुनौती होगा।