अब डायट की होगी ग्रेडिंग, खुलेगा शोध व नवाचार प्रकोष्ठ, मिलेगा नव प्रयोगों को बढ़ावा, बेहतर होगा शिक्षक प्रशिक्षण
फिसड्डी संस्थानों में सुधार के लिए उठाए जाएंगे ठोस कदम
लखनऊ: अब सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) की अब ग्रेडिंग की जाएगी। ग्रेडिंग के माध्यम से डायट के कार्यों का मूल्यांकन किया जाएगा। वहीं शोध व नवाचार प्रकोष्ठ भी स्थापित किया जाएगा। शैक्षिक नवाचार को बढ़ावा देने और शिक्षक प्रशिक्षण की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की ओर से हर वर्ष डायट की ग्रेडिंग होगी। जिन मानकों की कसौटी पर उन्हें कसा जाएगा। शिक्षकों को प्रशिक्षित करने में वह नई शिक्षण पद्धतियों का किस प्रकार प्रयोग कर रहे हैं? गुणवत्तापरक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए वह क्या नवाचार कर रहे हैं? स्कूलों की निगरानी किस प्रकार की जा रही है? किस तरह का प्रासंगिक प्रशिक्षण माड्यूल तैयार किया जा रहा है, यह सब इसमें शामिल है।
वहीं डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) के प्रशिक्षुओं को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए किस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं और पारदर्शी कार्य प्रणाली के लिए क्या उपाय कर रहे हैं, इसे भी आंका जाएगा। अच्छी ग्रेडिंग वाले डायट दूसरों के लिए उदाहरण बनेंगे और उनके अच्छे कार्यों को सभी डायट में लागू कराया जाएगा। वहीं खराब प्रदर्शन वाले डायट में सुधार करने के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार कर उनमें सुधार किया जाएगा।
शोध व नवाचार प्रकोष्ठ शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम व शिक्षण पद्धतियों को और बेहतर बनाने के लिए रिसर्च करेगा। डायट प्रवक्ताओं की टीम बनाकर अलग-अलग विषयों पर शोध किया जाएगा, ताकि विद्यालयों में छात्रों को अच्छी शिक्षा मिल सके। एससीईआरटी के संयुक्त निदेशक डा. पवन कुमार ने बताया कि सभी डायट को बेहतर बनाने के लिए लगातार ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। अब इनकी ग्रेडिंग कर और सुधार किया जाएगा। वहीं शोध व नवाचार प्रकोष्ठ नव प्रयोगों को तेजी से बढ़ावा देगा।