शासन ने बेसिक शिक्षा परिषद और फाउंडेशन को साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया है। फाउंडेशन की जांच में यह देखा जाएगा कि छात्रों को गणित और भाषा का ज्ञान है या नहीं और स्कूल में निपुण भारत मिशन सही तरीके से चल रहा है या नहीं। यह भी देखा जाएगा कि शिक्षक मिशन के लिए भेजी गई शिक्षण सामग्री का प्रयोग कर रहे हैं या नहीं। अगर शिक्षक सामग्री का सही प्रयोग नहीं कर रहे हैं, तो उन्हें इसके उपयोग का सही तरीका समझाया जाएगा। इसकी पूरी रिपोर्ट राज्य परियोजना कार्यालय को दी जाएगी।
निपुण भारत मिशन के अंतर्गत, वे स्कूल जिनमें कम से कम 80 प्रतिशत छात्र-छात्राएं गणित और भाषा में दक्ष होंगे, उन्हें 'निपुण विद्यालय' के रूप में मान्यता दी जाएगी। इस संदर्भ में, बीएसए वीरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि जिले में छात्रों को निपुण बनाने के लिए सभी एआरपी और शिक्षक संकुल इस कार्य में लगे हुए हैं और सभी अपना काम बेहतरीन तरीके से कर रहे हैं।